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मायावती का बड़ा एक्शन, अपने समधी को ही दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को बसपा से बाहर कर दिया है। राज्य सभा सांसद रहे सिद्धार्थ की डॉक्टर बेटी से आकाश की शादी हुई है। अशोक सिद्धार्थ के पिता BSP संस्थापक कांशीराम जी के सहयोगी रहे हैं।
मायावती ने इस बारे में एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा- बीएसपी की ओर से खासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉक्टर अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, जिला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
कौन हैं अशोक सिद्धार्थ?
अशोक सिद्धार्थ के बारे में कहा जाता है कि वह बसपा के ऐसे लो प्रोफाइल नेता हैं। वे पार्टी में पर्दे के पीछे रहकर काम करने को तवज्जो देते थे। चर्चाओं से हमेश दूर रहे हैं। उन्हें लंबे समय से मायावती के बेहद करीबी नेताओं में गिना जाता रहा हैं। मायावती की नजदीकी के कारण उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में एंट्री ली। मायावती ने उन्हें पहले एमएलसी बनाया।
इसके बाद वर्ष 2016 में राज्यसभा भेजा। वे वर्ष 2022 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। सतीश चंद्र मिश्र के साथ बसपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। अशोक सिद्धार्थ दलित समुदाय से आते हैं। उनकी पत्नी मायावती शासनकाल के दौरान यूपी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। पेशे से अशोक सिद्धार्थ डॉक्टर हैं। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की। महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज से उन्होंने नेत्र रोग में डिप्लोमा किया है।
आकाश आनंद से की है बेटी की शादी
डॉ. अशोक ने अपनी बेटी प्रज्ञा सिद्धार्थ की शादी दो साल पहले मायावती के भतीजे आकाश आनंद से की थी। प्रज्ञा भी मेडिकल फील्ड से जुड़ी हुई है। वह डॉक्टर हैं। मायावती ने अपने पुराने भरोसेमंद और रिश्तेदार पर भरोसा जताना शुरू कर दिया है। पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ को उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया है।

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