आगराजनता की आवाज़

50 बेड का अस्पताल मच्छर भी भर्ती नहीं, ना डॉ ना अधीक्षक सब फरार, सफाई कर्मचारी के हवाले अस्पताल, सीएमओ की आंखों पर बधी है पट्टी, सरकार को बदनाम करने की हो रही साजिश

भूपेंद्र भारद्वाज मौत

आगरा। योगी सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को सही करने के निर्देश दे रही है समय-समय पर सरकार के द्वारा अस्पतालों में मुख्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं हर मरीज को इलाज मिले इसलिए डॉक्टर तैनात किए जा रहे हैं लेकिन योगी सरकार को स्वास्थ्य विभाग बदनाम करने में लगा हुआ है 50 बेड का अस्पताल है लेकिन उस अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती ना हो तो अनुमान क्या लगाया जाएगा दिन के समय ओपीडी सैकड़ो लोगों की दिखाई जाती है लेकिन रात्रि के समय मरीज नहीं मिलेंगे दूसरी तरफ डॉक्टर अधीक्षक अस्पताल में मौजूद नहीं रहते सफाई कर्मचारी के हवाले सरकारी अस्पताल रहता है 7 जून को रात्रि में अस्पताल खुला हुआ था लेकिन कोई डॉक्टर कर्मचारी मौजूद नहीं था उसके बाद अधीक्षक ने अपनी सफाई दी और कर्मचारियों पर गुस्सा निकाल दी लेकिन 13 जून को भारत TV की टीम फिर से अस्पताल पहुंची उस अस्पताल में देखा गया के बार्ड बॉय फार्मेसिस्ट दो महिला कर्मचारी मौजूद थी पूछा गया कि इमरजेंसी डॉक्टर की ड्यूटी किसकी है तो कोई जवाब नहीं दे पाया अधीक्षक कहां है तो कोई बता नहीं पाया कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ आखिरकार राम भरोसे अस्पताल चल रहा है लाखों रुपए महीने मिलने वाले डॉक्टर कहां हैं घर बैठकर सरकारी पैसा ले रहे हैं सरकार द्वारा अस्पताल में आवास उपलब्ध कराए गए हैं उन आवासों में कौन रहता है किसी के पास कोई जवाब नहीं है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं कुंभकरणीय नींद टूटने का नाम नहीं लेती सूत्रों की माने तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कुछ दिखाई नहीं देता महीने दारी पहुंचने के बाद सभी के मुंह बंद हो जाते हैं चांदी के जूते के आगे सब नतमस्तक हैं आखिरकार जनता कहां जाए इनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती क्षेत्र में समस्या है उसका समाधान कैसे होगा सरकारी अस्पताल की दशा कैसे सुधरेगी

7,13 को नहीं मिले डॉक्टर अधीक्षक

माता भगवती देवी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आवल खेड़ा में स्थित है इस अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहते सफाई कर्मचारी एवं वार्ड बॉय के हवाले सरकारी अस्पताल कर दिया जाता है

50 बेड का है अस्पताल

इस अस्पताल में 50 बेड की क्षमता है लेकिन एक भी मरीज भर्ती नहीं रहता भर्ती के नाम पर आयुष्मान कार्ड को मरीजों से लेकर उसे पैसा निकाल दिया जाता है मरीज को अस्पताल में भर्ती दिखाया जाता है लेकिन मरीज भर्ती नहीं रहते

दिन में लगती है मरीजों की लाइन

इतनी भीषण गर्मी में दिन में मरीजों की लाइन लगी रहती है लेकिन रात्रि के समय अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं मिलेगा डॉक्टर मरीज को भर्ती नहीं करते

सरकारी दवा है फायदा क्या मिलेगा

क्षेत्र के तमाम मरीज का कहना है कि जब दवा लेने जाते हैं तो डॉक्टर और कर्मचारी कहते हैं कि सरकारी दवा है इससे कोई नतीजा नहीं निकलेगा प्राइवेट डॉक्टर से इलाज कराओ आखिरकार डॉक्टर कर्मचारी सरकार के द्वारा दिए जा रहे पैसे की नौकरी कर रहे हैं या फिर प्राइवेट डॉक्टरों की

क्यों नहीं आते डॉक्टर

अस्पताल में डॉक्टर क्यों नहीं आते इसका क्या कारण है कुछ कर्मचारी दबी आवाज में रहते हैं कि इस अस्पताल में कोई आना नहीं चाहता आखिरकार इसका क्या कारण है

लगातार खबर चलाई तो लगा देंगे आरोप

अस्पताल की लगातार खबरें चलाई तो किसी महिला कर्मचारी से आरोप लगवाए जाएंगे सूत्रों ने बताया है कि डॉक्टर और कर्मचारी रहते हैं की रात्रि के समय अगर अस्पताल में कोई आता है तो किसी महिला कर्मचारी से झूठा आरोप लगा दो खबर चलना बंद हो जाएगी

गंदगी के लगे हैं अंबार

अस्पताल प्रांगण में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं जगह-जगह गंदगी है सफाई नहीं की जाती

प्राइवेट अस्पतालों में लगी है लाइन

सरकारी अस्पताल में कोई भी मरीज भर्ती नहीं है लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी हुई है जब पूरे क्षेत्र में सभी स्वस्थ हैं तो फिर प्राइवेट अस्पतालों एवं झोलाछापों के यहां कहां से मरीज आ रहे हैं

अस्पताल का जल्द होगा बड़ा खुलासा

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस अस्पताल का जल्द खुलासा होगा इस अस्पताल के डॉक्टर क्या कर रहे हैं इसका खुलासा जल्द किया जाएगा

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