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इन लोगों के लिए घातक हो सकती है चाय की लत, हो सकती हैं ये परेशानियां

बहुत ज़्यादा चाय पीना सेहत के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है. हद से ज्यादा चाय पीने से शरीर में आयरन की कमी और डिहाईड्रेशन की समस्या होती है. शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ने पर शरीर में कई सारी दिक्कतें शुरू होती हैं. जैसे- सिरदर्द,  हृदय गति में वृद्धि, घबराहट, नींद की कमी, चिड़चिड़ापन, घबराहट और कंपन.  ग्रीन टी और ब्लैक टी ज्यादा पीने से टैनिन और ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ने लगती है. जिसके कारण शरीर में आयरन का लेवल बढ़ने लगता है.

कैसे लग जाती है चाय पीने की लत?

चाय में कैफीन पाई जाती है. कैफीन आदत बनाने वाला उत्तेजक है, यही कारण है कि चाय या कॉफी पीने की आपको बार-बार इच्छा होती है. ऐसे में समय पर चाय न मिलने से सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, हृदय गति में वृद्धि और थकान जैसी दिक्कतें भी होने लगती हैं. एक तरह से उन्हें चाय का नशा हो जाता है. एक महीने तक चाय-कॉफी जैसी कैफीन वाली चीजों से दूरी बना लेने से कैफीन की लत भी समय के साथ कम होने लग जाती है.

जिन लोगों को नींद की समस्या, एंग्जायटी, स्ट्रेस, वात, पित्त, कफ, हार्मोनल समस्याएं, कब्ज़, एसिडिटी, या गैस्ट्रिक से जुड़ी समस्याएं, मेटाबॉलिक और ऑटो-इम्यून बीमारियां है, इसके अलावा जिन लोगों को दिल की बीमारियों, और कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम होती है. उन्हें चाय नहीं पीनी चाहिए.

चाय पीने से पेट में बनने लगता है एसिड

बता दें चाय को भले ही हम बड़े चाव से पिएं लेकिन चाय एसिडिक नेचर की होती है. यानी चाय के पीने से पेट में एसिड का प्रोडक्शन बढ़ सकता है. यदि पहले से ही पेट में एसिड ज्यादा होगा तो चाय इस एसिड को और ज्यादा बढ़ा सकती. वहीं चाय का पीएच वैल्यू 7 से नीचे होता है. सामान्य ब्लैक टी में 4.9 से 5.5 तक होती है.

पीएच वैल्यू 7 से जितना नीचे होगा एसिडिक नेचर उतना ही ज्यादा होगा. ऐसे में जब चाय का एसिडिक नेचर ज्यादा होगा तो वो पेट में उतना ही ज्यादा एसिड बनाएगी. इससे कई तरह की गंभीर बीमारियां भी लग सकती है. इसलिए कहा जाता है कि चाय का ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए.

 

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