नहीं करेंगे मीटर रीडिंग, ना आई कार्ड न कोई कागजात असली या फर्जी कैसे होगी पहचान, स्मार्ट मीटर के कारण सैलरी हुई दो हजार
भूपेंद्र भारद्वाज मौत भारत TV आगरा

आगरा विद्युत विभाग को प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया गया है प्राइवेट कंपनी के द्वारा जिले में मीटिंग रीडिंग के लिए प्राइवेट लड़के कंपनी द्वारा रखे गए हैं कई महीने से कंपनी कार्य कर रही थी अब दूसरी कंपनी के हवाले जिला कर दिया गया मीटिंग रीडिंग करने वाले कर्मचारियों का आरोप है कि दो-तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है₹7000 प्रति माह के हिसाब से कंपनी द्वारा वेतन देने की बात की गई थी और कार्य करना प्रारंभ कर दिया गया था लेकिन अब ₹2000 प्रति माह दिया जा रहा है जिससे गुजारा नहीं होता मीटिंग रीडिंग करने वाले कर्मचारिओ के द्वारा कार्य बहिष्कार कर दिया गया है रविवार को थाना खंदौली क्षेत्र के मुढी चौराहे स्थित गोपाल इंटर कॉलेज पर एक बैठक कर ज्ञापन सोपा गया बैठक में प्राइवेट कंपनी TERA SOFT के जिला कलेक्टर एवं अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे उनको ज्ञापन सोपा गया कर्मचारियों की मांग है कि त्यौहार का समय है उन्हें पैसा नहीं मिल रहा जब तक पैसा नहीं खाते में आएगा तब तक कार्य नहीं करेंगे मीटिंग रीडिंग कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा।
कंपनी का कार्ड न कोई लेटर
मीटिंग रीडिंग करने वाले कर्मचारियों के पास किसी भी तरह का कोई कंपनी के द्वारा कागजात नहीं दिया गया है अगर कोई मामला फसता है तो कौन जिम्मेदार होगा
मशीन तो बाजार से भी ले सकते हैं लोग
मीटिंग रीडिंग करने वाले कर्मचारियों के पास मशीन और कागज है उसी के आधार पर घर-घर जाकर मीटिंग रीडिंग करते हैं ऐसी मशीन तो बाजार से भी फर्जी लोग लेकर कर सकते हैं अब इन कर्मचारियों को कंपनी का कर्मचारी कैसे कहा जा सकता है फर्जी है या असली इसका जवाब कौन देगा अगर कोई घटना होती है तो कंपनी इसकी जिम्मेदार होगी या नहीं
बिना आई कार्ड के क्यों कर रहे मीटिंग रीडिंग
जिस कंपनी के कर्मचारी बनकर लोग जाते हैं और मीटिंग रीडिंग करते हैं उनके पास कोई आई कार्ड नहीं है ऐसे तो फर्जी कर्मचारी भी जा सकते हैं किसी घर में कोई बड़ी घटना होती है तो मुकदमा किसके खिलाफ लिखा जाएगा
स्मार्ट मीटर के कारण सैलरी कम
कंपनी के अधिकारी रामकुमार के द्वारा बताया गया कि 2 महीने की सैलरी कर्मचारियों को नहीं दी गई है कंपनी के पास पैसा नहीं आया है जिस दिन पैसा आ जाएगा कर्मचारियों को दिया जाएगा स्मार्ट मीटर लगने के कारण सैलरी में गिरावट आई है जहां स्मार्ट मीटर 90% लगे हैं वहां के कर्मचारियों को कार्य छोड़ना पड़ेगा अन्य कर्मचारी अपने क्षेत्र में बदलाव करें तो ज्यादा पैसा मिल सकता है आई कार्ड कागजात पर कहा गया कि कंपनी के द्वारा मशीन दी गई है अभी कागजात नहीं दिए गए हैं लेकिन कोई घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा इस पर कर्मचारी कुछ नहीं बोल पाए इसका मतलब सीधा है कि कंपनी की तरफ से अभी कर्मचारियों को कोई लेटर जारी नहीं किया है केवल समूह के आधार पर कार्य किया जा रहा है।
जनता कर सकती है विरोध
मीटिंग रीडिंग करने वाले कर्मचारियों के पास विद्युत विभाग का कोई भी आई कार्ड नहीं है घर-घर जाकर मीटिंग रीडिंग करने वाले कर्मचारियों का विरोध जनता कर सकती है क्योंकि इनके भेस में कोई भी व्यक्ति किसी के घर भी जा सकता है इन कर्मचारियों को आई कार्ड उपलब्ध कंपनी द्वारा करने चाहिए नहीं तो जनता विरोध पर उतर आएगी।