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एत्मादपुर थाना पुलिस ने टोल मैनेजर की तहरीर पर चौथे दिन पंजीकृत किया केस, 80 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा

आगरा। एत्मादपुर इनर रिंग रोड स्थित रहनकलां टोल प्लाजा पर सोमवार को धरना-प्रदर्शन प्रदर्शन को आए किसान संगठन के कार्यकताओं और टोल कर्मियों के बीच इलाका पुलिस की मौजूदगी में हुई बवाल की घटना में आखिरकार गुरुवार को चौथे दिन पुलिस ने पीड़ित पक्ष की ओर से टोल मैनेजर की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया। पुलिस की आरंभिक जांच पड़ताल के बाद दर्ज की गई एफआईआर में किसान संगठन के 70-80 कार्यकताओं को टोल कर्मियों से मारपीट, छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी देने, बूम
बैरियर तोड़कर टोल को फ्री कर वाहनों को निकालने के आरोप लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि आगरा विकास प्राधिकरण के इनर रिंग रोड स्थित रहनकलां टोल प्लाजा पर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन चौधरी चरण सिंह के कार्यकर्ता धरना-प्रदर्शन को पहुंचे थे। इस दौरान इलाका पुलिस की मौजूदगी के बावजूद उन्होंने टोल पर उपद्रव किया। गुरुवार को दर्ज की गई एफआईआर में टोल मैनेजर शिववीर सिंह ने कहा है कि सोमवार दोपहर 12.19 बजे किसान यूनियन चौधरी चरण सिंह के कार्यकर्ता कुबेरपुर और रमांडा की
तरफ से टोल प्लाजा पर आए और लेन संख्या 3,4,5,6 के बूम वैरियर तोड़ कर गाड़ियां फ्री निकालने लगे। मैंने पहुंचकर टोल फ्री करने का कारण पूछा व बैठकर बातचीत करने को कहा तो मारने को हावी हो गए। मौके पर मौजूद पुलिस ने बचाया व घटनास्थल से अलग हटा दिया। उसके बाद आरोपी टोल की महिला कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज करते हुए हंगामा करते रहे और कई कर्मचारियों को कैमरे के बाहर खींचकर ले गए। एक महिला कर्मी के साथ गाली-गलौज संग छेड़छाड़ भी की। विरोध करने पर एक कर्मचारी को पकड़ कर पीटने लगे। उसने
भागकर जान बचाई। एफआईआर में बताया गया है कि पुलिस के समझाने के बाद 1.10 बजे आरोपी टोल से हटे। इसके बाद बूम बैरियर लगाकर टोल शुल्क की वसूली शुरू हो सकी।
किसान संगठन के कार्यकताओं द्वारा लगभग 50 मिनट टोल फ्री रखकर लगभग 400 गाड़ियां बिना शुल्क के निकाली गईं। इससे राजस्व का काफी नुकसान हुआ है। घटना के बाद से टोल स्टाफ भयभीत है। संगठन के साथ लगभग 70 से 80 व्यक्ति धमकी देकर गए हैं कि तुम्हे नौकरी नहीं करने देंगे, टोल से बाहर मिल गए तो जान से मार देंगे। इधर पुलिस मौजूदगी में ‘बवाल’ होने की घटना के कारण पीड़ित पक्ष के तहरीर देने के बावजूद फौरी तौर पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई। थाना प्रभारी निरीक्षक आलोक कुमार सिंह ने उपनिरीक्षक कपिल कुमार से पहले आरंभिक पड़ताल कराई। इसमें टोल कर्मचारियों के बयान व सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर जांच अधिकारी के एफआईआर की संस्तुति के बाद ही गुरुवार को केस दर्ज किया गया।

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