दीक्षांत में अटल बिहारी वाजपेई का स्मरण

समाज में चिकित्सा और शिक्षा दोनों का बहुत महत्व है। चिकित्सा शिक्षा में तो मानवीय पहलू का समावेश होता है। होना चाहिए भी। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इसी तथ्य का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा में संवेदनशीलता, मानवता और सेवाभाव को सर्वाेपरि रखना चाहिए। कोई भी मरीज किसी भी परिस्थिति में आए, उसकी सेवा करना ही डॉक्टर का प्रथम कर्तव्य है और इस जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। आनंदीबेन पटेल अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होना उनके लिए विशेष हर्ष का विषय है, क्योंकि उन्हें स्वयं अटल जी से जनप्रतिनिधि के दायित्व, कार्यकुशलता और जनता के प्रति मर्यादित व्यवहार का अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी बच्चों में बढ़ते मोटापे को लेकर चिंतित रहते हैं, क्योंकि इसके कारण अनेक गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं। इस पर ध्यान गर्भावस्था से ही देना आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पताल में होना चाहिए तथा उन्हें आहार, वातावरण, मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के सहयोग के बारे में जागरूक किया जाना जरूरी है। साथ ही, जन्म के बाद बच्चों के उचित पालन-पोषण की जानकारी भी माताओं तक पहुँचना चाहिए। यह जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, इसलिए उनका प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।
शैक्षणिक सत्र के बीच में फीस वृद्धि नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि अनेक गरीब परिवार अपनी भूमि बेचकर अपने बच्चों को मेडिकल शिक्षा दिलाते हैं, और बीच में फीस बढ़ने से उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रदेश के चिकित्सा विश्वविद्यालयों को नैक में सर्वाेच्च ग्रेड प्राप्त हो रहे हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रमाण है। अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय के उत्कृष्ट निर्माण और अधोसंरचना की सराहना करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय परिसर में एक चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना एवं संचालन किया जाए, ताकि यहाँ चिकित्सा शिक्षा और अधिक सुदृढ़ हो सके। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय में सेंट्रल लाइब्रेरी की स्थापना तथा शोध को प्रोत्साहित करने वाले कार्य किए जाएंगे। विश्वविद्यालय परिसर में एक नया चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा।