आगराजनता की आवाज़

हमलावरों तक नहीं पहुंच सकी पुलिस, आबकारी टीम को नहीं मिलता हथियार, रात्रि में बिना हथियार के कैसे बचाएंगे जान

आगरा आबकारी विभाग की टीम पर हमला करने वालों को अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है जिस प्रकार आबकारी टीम की दबंगों ने कुटाई की है इससे साफ जाहिर हो जाता है कि दबंग कमजोर नहीं है मजबूत हैं लाठी डंडे ईद से आबकारी विभाग के सिपाहियों को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं आधा दर्जन से ज्यादा लोग हैं आबकारी इंस्पेक्टर महिला चीख रही है चिल्ला रही हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं अपनी जान बचाने के लाले टीम के लोगों को पड़ गए हैं दिन में ही जिस प्रकार टीम पर हमला किया गया है इससे साफ जाहिर होता है कि अपराधियों के होल बुलंद हैं दूसरी तरफ कहा जाता है कि आबकारी टीम पैसे मांग रही थी पैसे किस बात के पकोड़े की दुकान पर आबकारी टीम का पैसे मांगने का क्या मतलब लेकिन जिस प्रकार वीडियो में मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं उन अपराधियों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है सभी फरार हैं

आबकारी टीम के पास नहीं होते हथियार

आबकारी विभाग की टीम बिना हथियार के चलती है दिन हो या रात उनके पास कोई हथियार नहीं होता आखिरकार इनके ऊपर कभी भी हमला हो सकता है कब कैसे जान बचाएंगे यह तो राम भरोसे हैं शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई आबकारी विभाग के द्वारा की जाती है वैसे तो इलाका पुलिस भी शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करती है लेकिन मुख्य कार्य आबकारी विभाग का है अगर रात्रि के समय किसी जंगल में टीम गिर जाती है तो बिना हथियार के कैसे जान बचाएगी बड़ा सवाद है

इलाका पुलिस को क्यों नहीं दी जाती सूचना

आबकारी विभाग की टीम जिस जगह छापेमारी या जांच करने जाती है तो अकेले क्यों जाती है इलाका पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी जाती सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग की टीम महीनेदारी शराब ठेकाओ से वसूलते हैं इसलिए इलाका पुलिस को साथ नहीं ले जाती

24 घंटे शराब की बिक्री

शहर हो या देहात सभी शराब के टेक से 24 घंटे आप शराब उपलब्ध कर सकते हैं रात्रि के समय शराब कीमत में बढ़ोतरी हो जाती है तमाम वीडियो हर रोज वायरस होते हैं लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती आबकारी विभाग की टीम मोटी रकम महीनेदारी वसूलती है इसलिए कार्रवाई नहीं की जाती सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग की टीम के संरक्षण में ही शराब माफिया अवैध कार्य करते हैं और इलाका पुलिस पर आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं

इलाका पुलिस को भी मिलता है पैसा

सभी शराब के ठेकों से आबकारी विभाग के साथ-साथ इलाका पुलिस को भी महीने दरी मिलता है इसी कारण शराब माफिया 24 घंटे ज्यादा कीमत में शराब की बिक्री करते हैं

पत्रकारों की भी सेटिंग

शराब बेचने वाले ठेकेदारों से कलमकारों की भी सेटिंग होती है 24 घंटे शराब की बिक्री करो कोई कुछ नहीं करेगा जगह-जगह ठेकाओ की जिम्मेदारी लेकर कलमकार बैठे हैं जो महीने दरी वसूलते हैं और रात्रि में शराब की बिक्री करते हैं अगर कोई वीडियो बनाकर लाता है तो उस पर दबाव डालकर चलने से रोकते हैं

महिला इंस्पेक्टर से भी हो सकती थी घटना

जिस प्रकार दबंगों ने आबकारी विभाग के सिपाहियों को लाठी डंडों से पीटा महिला आबकारी इंस्पेक्टर गाड़ी के पास रोड पर चीखती रही चिल्लाती रही गनीमत तो यह रही के उनके साथ कोई घटना नहीं हुई अगर उनके साथ भी कोई बड़ी घटना हो जाती तो कौन जिम्मेदार होता

खुले में शराब की तस्करी

शराब ठेका के शटर के नीचे से बड़ी कीमत में आप शराब ले सकते हैं या फिर उसके पास बनी कैंटीन मुर्गा की दुकान पर रात्रि में ठेकेदार शराब निकाल कर रख देते हैं और वहां से तस्करी होती है सुबह 4:00 बजे से शराब लेने वालों की लाइन लग जाती है और बड़ी हुई कीमत में शराब लेकर आते हुए दिखाई देते हैं इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती

नहीं उठाया फोन

आबकारी इंस्पेक्टर सुमन सिसोदिया से फोन से जानकारी करनी चाही कि आखिरकार आपातकाल स्थिति में आप अपनी जान की कैसे सुरक्षा करते हैं टीम के पास कोई हत्या नहीं होता तो उनका फोन नहीं उठ सका कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया

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