गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 448वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सम्पन्न
‘‘ज्ञानदान युगधर्म है।” -उमानन्द शर्मा

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘टी०आर०सी० महाविद्यालय, सतरिख, बाराबंकी, उ०प्र०’’ के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 448वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती पुष्पा सिंह ने अपने पौत्र श्री दीपांश सिंह के उज्ज्वल भविष्य के लिए भेंट किया तथा उपस्थित संकाय सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ज्ञानदान युगधर्म है।” गायत्री परिवार की श्रीमती उषा सिंह एवं श्री देवेन्द्र सिंह ने भी अपने विचार रखे। संस्थान के प्राचार्य डॉ० आदेश तिवारी, निदेशक प्रशासक श्री सचिन सक्सेना एवं प्रबन्धक डॉ० रंजन मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती वीवा नाज ने मंच का संचालन किया।
इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्री देवेन्द्र सिंह, श्रीमती उषा सिंह, श्रीमती पुष्पा सिंह एवं संस्थान के श्री प्रबोध सिंह प्रशासनिक अधिकारी, डॉ० गिरिजा शंकर वर्मा, डॉ० शुचिता चतुर्वेदी सहित संस्थान की शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।