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बरहन पुलिस की चारों तरफ प्रशंसा, बच्चों को धकेल दिया अपराध की दुनिया में, छोटे-छोटे बच्चों सहित आठ के खिलाफ मुकदमा, पीड़ित मिले विधायक से दिलाया न्याय का भरोसा

आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार हर रोज थाना अध्यक्षों के साथ बैठक कर जनता के साथ व्यवहार सही करने की बात कहते हैं बिना जांच के कोई मुकदमा दर्ज न हो कोई भी व्यक्ति गलत जेल न जाए इस पर चर्चा करते हैं और निर्देश देते हैं लेकिन कुछ थाना अध्यक्ष पुलिस कर्मचारी अपनी मनमानी करने में लगे रहते हैं उन्हें अधिकारियों से कोई मतलब नहीं क्या चल रहा है क्या नहीं छोटे-छोटे बच्चों को अपराध की दुनिया में ले जाने वाली पुलिस ही होती है बिना जांच के मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है जब पूछा जाता है तो पुलिस कहती है कि चलो मुकदमा खत्म हो जाएगा गलती से लिख गया होगा आखिरकार यह गलती पुलिस ही करती है अन्य आदमी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है कब तक ऐसा चलता रहेगा लड़ाई झगड़े में बड़ी-बड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज हो जाता है छोटे-छोटे बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुए हैं बच्चे भयभीत हैं स्कूल जाने से बच रहे हैं कि रास्ते में कहीं पुलिस ने उठा ले आखिर पुलिस बच्चों के अंदर इतना खौफ क्यों पैदा करना चाहती है इसका क्या कारण है इन बच्चों के भविष्य का क्या होगा यह तो पुलिस ही बता सकती है आखिरकार किसके दबाव में बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ

छोटे-छोटे बच्चों का था विवाद

थाना बरहन के गांव नगला ताज में बच्चे आपस में दोस्त थे एक बच्चा सिगरेट पी रहा था इसकी शिकायत उसके घर पर कर दी बच्चों के बीच शिकायत को लेकर मारपीट हो गई शिकायत करने वाले बच्चे की मां मिथलेश देवी पत्नी सत्यवीर निवासी नगला ताज ने थाने पर मुकदमा दर्ज कराया है कि मेरे बेटे के साथ मारपीट की गई है जिसमें कई लोग शामिल हैं तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया परंतु यह नहीं सोचा कि इन बच्चों की लड़ाई में जो नाम दिए जा रहे हैं उसमें कितने बच्चे हैं और कितने बड़े हैं दूसरे पक्ष का कहना है कि बच्चों के बीच मारपीट हुई थी बड़े लोग कोई नहीं थे किसी के कहने पर सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलते ही बच्चे परेशान हैं छोटे-छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा रहे जिनकी उम्र 12 साल 14 साल 15 16 17 वर्ष है

पुलिस ने क्या जांच की थी

मुकदमा लिखने से पहले अधिकारी कहते हैं की जांच की जाती है लेकिन बरहन पुलिस ने मुकदमा लिखने से पहले कोई जांच नहीं की है मुकदमा दर्ज किया गया है जांच होती तो पता चल जाता कि कितने छोटे-छोटे बच्चे हैं उनके भविष्य को क्यों बिगाड़ा जाए

क्या होगी कार्रवाई

7 8 9 की क्लास में पढ़ने वाले बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है जिसमें एक बच्चे की उम्र 13 वर्ष है एक बच्चे की उम्र 15 वर्ष है एक बच्चे की 12 वर्ष है एक की 17 वर्ष है और एक की 11 वर्ष बताई जा रही है इन बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है

माथे से कैसे छूटेगा मुकदमा का दाग

एक बार मुकदमा लिखने के बाद खत्म नहीं होता रिकॉर्ड हमेशा बना रहता है पुलिस की तरफ से मुकदमा के बाद चाहे मुकदमा खत्म कर दिया जाए लेकिन रिकॉर्ड जीवन भर रहता है इन छोटे-छोटे बच्चों का जीवन अभी से थाने की चाबी में बंद हो गया है उनके भविष्य का क्या होगा यह तो यही बता सकते हैं या फिर पुलिस मुकदमा में बच्चे जेल तो नहीं जाएंगे लेकिन दाग कैसे छूटेगा

विधायक से मिले पीड़ित परिजन, बच्चे

तहसील एत्मादपुर में क्षेत्रीय विधायक एक कार्यक्रम में पहुंचे थे इस कार्यक्रम में पीड़ित परिवार बच्चों को लेकर विधायक के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए आंखों में आंसू लिए हुए बच्चों ने कहा कि हमारे खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है विधायक डॉ धर्मपाल सिंह ने जब बच्चों की तरफ देखा तो उनकी आंखों में आंसू थे छोटे-छोटे बच्चे दिखाई दे रहे थे 13 साल 14 साल 15 साल 16 साल की उम्र देखकर विधायक भी हैरान हो गए कि आखिरकार बिना जांच कर मुकदमा कैसे लिख दिया विधायक द्वारा तुरंत एसीपी एत्मादपुर को फोन कर जानकारी दी मौके पर एसीपी एत्मादपुर पहुंचे उनके द्वारा बच्चों एवं परिजनों से मुलाकात कर कहा कि मामला खत्म किया जाएगा कोई भी बच्चा जेल नहीं जाएगा इस बात को सुनकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लोटी लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिरकार बड़ी-बड़ी घटनाओं में पुलिस कार्रवाई नहीं करती है और छोटी सी आपसी मारपीट में चार दिन के अंदर भी पुलिस जांच नहीं कर पाई और मुकदमा नाबालिक बच्चों के खिलाफ लिख दिया

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