
फिरोजाबाद। टूंडला में उगते सूरज को अर्ध्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया। इस दौरान बिहारी परिवारों की भक्ति व आस्था का जो सैलाब उमड़ा वो सबके लिये एक प्रेरणा दायक रहा।
इस दौरान रिकेश महानामा ने बताया कि पर्व को जीवन के शुरुआत से जोड़कर देखा जाता है मान्यताओं के अनुसार अंधकार से जीवन में उजाला का प्रतीक माना जाता, इसलिए इस समय अर्ध देने से सूर्य यह जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए है। यह व्रत करने वालों ने नदी, तालाब, या कुंड में खडे़ होकर के भगवान सूर्य की आराधना की। सभी ने अपने जीवन में खुशी और प्रकाश की प्रार्थना भगवान सूर्य देव से की। इसी के साथ चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा का समापन हुआ। व्रत करने बाले प्राकृतिक चीज और मौसमी फल बाँस के सूप में ठेकुआ, नारियल, केला, सेव, गन्ना, सिंघाड़ा आदि लेकर के भगवान सूर्य का ध्यान किए और उसी समय श्रद्धालु सूप पर गंगा जल या गाय के कच्चे दूध से भगवान सूर्य को अध्र्य दिया गया। व्रत करने वालों में रिकेश महानामा, योगेश, रामावतार प्रसाद, राकेश कुमार, ऋषिकेश कुमार, गुलशन यादव, रिषभ, शिबम, सरोज मीना, धनराज मीना, अभिषेक, देशराज, राजेश कुमार, महेन्द्र सिन्हा, राम प्रकाश, बेबी देवी, रौशनी, रिया, रितिका, सुजाता देवी, चंचल, पिंकी आदि के अलावा बड़ी संख्या में मौजूद रहे।



