आगराजनता की आवाज़

पंचायत की जमीन पर 3 महीने में फैसला हो हाई कोर्ट. वर्तमान प्रधान ने पंचायत की जमीन पर किया है अवैध कब्जा

तहसीलदार कोर्ट ने बेदखली करते हुए लगाया है पहले जुर्माना, अवैध कब्जा करने वाले ने दूसरी बार की अपील तहसीलदार नहीं -सुना पा रहे फैसला

आगरा उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं अवैध कब्जा करने वालों पर भू माफिया एक्ट में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा गया है लेकिन कुछ जगह तो कार्रवाई हुई है परंतु कुछ लोगों पर अधिकारी कार्रवाई करने से पीछे हट जाते हैं और मामला तारीख पर तारीख चलता रहता है दूसरी तरफ हाई कोर्ट मैं याचिका करता ने पंचायत की जमीन पर किए गए अवैध कब्जे को उठाने की मांग की है याचिका करता के प्रार्थना पत्र पर हाई कोर्ट ने तहसीलदार को 3 महीने में फैसला करने के आदेश दिए हैं अब देखना होगा कि हाई कोर्ट के आदेश को तहसीलदार मानते हैं या नहीं पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले दबंग के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं कई सवाल खड़े होते हैं

मामला तहसील एत्मादपुर के ब्लॉक खंदौली की ग्राम पंचायत मुड़ी जहांगीरपुर का है वर्तमान प्रधान राजीव गिरी पुत्र हरी गिरी के द्वारा पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बना लिया है जिसकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा जिला अधिकारी से की थी उनके आदेश पर एत्मादपुर तहसील कोर्ट में मुकदमा चला तहसीलदार के द्वारा पंचायत की जमीन से कब्जा हटाने के आदेश करते हुए बेदखल कर जुर्माना लगा दिया लेकिन राजीव गिरी के द्वारा दोबारा से अपील की गई अपील में तहसीलदार कोर्ट लगातार तारीख पर तारीख दे रहा है लेकिन फैसला नहीं दे पा रहे इस मामले को देखते हुए याचिका करता भूपेंद्र भारद्वाज ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कोर्ट ने तहसीलदार को 3 महीने का समय दिया है और कहा है कि 3 महीने के अंदर फैसला सुनाया जाए

तहसीलदार कोर्ट ने 22 मार्च 2025 को बेदखली के आदेश करते हुए जुर्माना लगाया था जिस जमीन पर जिस व्यक्ति के द्वारा अवैध कब्जा किया है वह व्यक्ति वर्तमान में ग्राम प्रधान है राजीव गिरी के द्वारा बेडकली के आदेश के बाद रिमाइंड के लिए प्रार्थना पत्र दिया जो स्वीकार किया है जिनकी संख्या 294/25 है रिमाइंड होने के बाद भी तहसीलदार कोर्ट में मामला काफी समय से चल रहा है लेकिन फैसला नहीं हो पा रहा इलाहाबाद कोर्ट ने 3 महीने का समय देते हुए फैसला करने के आदेश दिए हैं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button