
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव का शुभारम्भ किया। योगी आदित्यनाथ ने गीता के कर्मयोग संदेश को शाश्वत बताता। उन्होंने गीता के श्लोकों का उल्लेख किया।
यतो धर्मस्ततो जयः’ अर्थात जहाँ धर्म और कर्तव्य होंगे वहाँ विजय सुनिश्चित है। कहा कि भारतीय परम्परा ने धर्म को उपासना विधि मात्र न मानकर जीवन जीने की कला माना है। श्रीमद्भगवद्गीता की दिव्य वाणी ‘वे ऑफ लाइफ’ तथा जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करने वाली है।भारतीय मनीषा धर्म को कर्तव्य के साथ जोड़कर देखती है।
यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः, तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम’ अर्थात जहाँ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण और धनुर्धर अर्जुन हैं, वहाँ निश्चित रूप से श्री, विजय, विभूति और अचल नीति है।



