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कंगाल होने की कगार पर बांग्लादेश, रमजान से पहले ही कई जरूरी चीजों की किल्लत

बांग्लादेश कंगाल होने की कगार पर आ गया है। यहां रमजान से पहले ही कई जरूरी चीजों की किल्लत हो गई है। लोगों को फूड ऑयल (खाने का तेल) की कमी का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि खाने के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। हालांकि बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार का कहना है कि यह परेशानी अस्थायी है। इसका समाधान जल्द कर लिया जाएगा।
बांग्लादेश में जब से मोहम्मद यूनुस ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में पद संभाला है, स्थिति और गंभीर हो गई है। पिछले साल बांग्लादेश में संकट के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश भी छोड़ दिया था। शेख हसीना के बाद मोहम्मद यूनुस कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने, लेकिन अब स्थिति उनसे भी संभलती दिखाई नहीं दे रही है।
क्यों बढ़ी तेल की कीमत?
बांग्लादेश की ऑयल इंडस्ट्री का कहना है कि आपूर्ति संबंधी चिंताओं के बीच खाद्य तेल की कीमतें बढ़ी हैं। रिटेलर्स और रिफाइनर्स का कहना है कि डिस्ट्रीब्यूटर के कारण खाने के तेल की कीमतों में तेजी आई है। इनके मुताबिक ड्रिस्ट्रीब्यूटर तेल की जमाखोरी कर रहे हैं और उसकी पूरी आपूर्ति नहीं कर रहे।
वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश की सीमा पार फूड ऑयल की तस्करी की जा रही है। वह इसलिए क्योंकि पड़ोसी देशों में इसकी कीमत ज्यादा मिल रही है। ऐसे में इस बात का संदेह बढ़ रहा है कि स्थानीय आपूर्ति का एक हिस्सा अवैध रूप से निर्यात किया जा रहा है।
कितना बढ़ गया तेल का भाव?
बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों में तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। यहां बिना ब्रांड वाला सोयाबीन तेल 170 से 175 टका प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं ब्रांड वाले तेल की कीमत 175 से 178 टका प्रति लीटर पहुंच गई है। बांग्लादेश की करेंसी का नाम टका है। बांग्लादेश का एक टका भारत के 72 पैसे के बराबर है।
बांग्लादेश ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (टीसीबी) के अनुसार, पिछले हाल ही में खुले सोयाबीन तेल की कीमतों में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी के साथ यह 180 टका प्रति लीटर से बढ़कर 182 टका प्रति लीटर हो गई है।
सरकार ने लगाया टैक्स
घरेलू आपूर्ति पूरी करने के लिए बांग्लादेश सरकार ने चावल भूसी के तेल के निर्यात पर 25% नियामक शुल्क लगाया है। इसके बाद भी स्थिति कंट्रोल में नहीं आ रही है।
इंडस्ट्री के मुताबिक सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद चावल भूसी के तेल पर शुल्क से व्यापक संकट में कोई खास अंतर नहीं आएगा। मुख्य चिंता सोयाबीन और पाम तेल की कीमत और उपलब्धता को लेकर है।
रमजान से पहले बढ़ी मांग
बांग्लादेश में सालाना खाद्य तेल की मांग 2.3 से 2.4 मिलियन टन है। यह रमजान के दौरान बढ़कर 3 मिलियन टन हो जाती है। रिफाइनरी कंपनियों के मुताबिक फूड ऑयल की आपूर्ति में पिछले कुछ महीनों की तुलना में तेजी आई है। रमजान शुरू होने में कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन तेल की कीमत अभी से बढ़ गई है।

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