खंदौली में चौकी से 50 मीटर की दूरी पर डाली जा रही मिट्टी, रात भर होता है खनन, चौकी के सामने से गुजरते हैं मिट्टी से भरे ट्रैक्टर, पुलिस करती है खनन माफियाओं की रखवाली?

आगरा खनन के खिलाफ कोई भी आदेश पुलिस के लिए मायने नहीं रखता अगर किसान अपने खेत से बैल गाड़ी खिक्चर गाड़ी के माध्यम से डालता है तो पुलिस उसे रोक देती है और पैसा वसूलते हैं परंतु खनन माफिया दिन-रात खनन करते हैं उन पर कार्रवाई नहीं होती क्योंकि उनकी रखवाली पुलिस वाले खुद करते हैं मोटी रकम मिलती है पूरे जिले में शहर से लेकर देहात तक यही आलम है गरीब आदमी अगर काम करता है तो उसके लिए अनुमति की जरूरत होती है लेकिन खनन माफियाओं को कोई अनुमति की जरूरत नहीं होती उनके ऊपर या तो पुलिस का हाथ होता है या फिर नेताओं का कुछ भी करते रहो फिर कोई देखने वाला नहीं है गरीब किसान अपनी खेती से 2, 4 गाड़ी हावड़ा से मिट्टी निकाल भी लेता है तो पुलिस उसे पकड़ कर चौकी ले आती है और पैसा वसूल कर उसे छोड़ा जाता है
रात भर होता है खनन
थाना खंदौली क्षेत्र में बड़े स्तर पर खनन होता है पुलिस खनन माफियाओं की रखवाली करती है चौकी के सामने से मिट्टी भर ट्रैक्टर डंपर निकलते रहते हैं उनकी तरफ पुलिस आंख उठाकर नहीं देखी क्योंकि पहले ही पैसा आ चुका है इसलिए देखने की जरूरत नहीं मुढी चौकी से थोड़ी दूर पर ही रात भर जेसीबी चलती है लेकिन पुलिस नहीं पड़ती कोई अनुमति नहीं है लेकिन खनन होता है चौकी से मात्र 50 मीटर की दूरी पर मिट्टी डाली जाती है कोई देखने वाला नहीं चौराहे पर खड़ी पुलिस चौकी पर बैठी पुलिस खनन माफियाओं की रखवाली करती है
एक सिपाही है चर्चा में
चौकी पर तैनात सिपाही किसानों से ही पैसा वसूलत है अगर कोई खेत में बैलगाड़ी खिक्चर गाड़ी से मिट्टी निकलता है तो सिपाही को पहले पैसा देना पड़ता है मुढी के ही एक व्यक्ति से ₹3000 वसूले गए खनन माफिया तो मोटी रकम महीने दरी देते हैं इसलिए उन्हें रोक पाना पुलिस के बस का काम नहीं है
शिकायतकर्ता की दी जाती है खबर
खनन की अगर कोई शिकायत करता है तो उस व्यक्ति का नाम खनन माफिया को बताती है जिस खनन माफिया उस व्यक्ति पर दबाव डाल सके