खबर का असर: जलेसर रोड पर भरे गए गड्ढे, नहीं भरे जाते तो कावड़ियों को निकलने में होती काफी दिक्कत

आगरा। कहते हैं जब तक रोते नहीं तब तक मां भी दूध पिलाती नहीं ऐसा ही आलम इस समय का है कि जब तक जनता हंगामा नहीं करती तब तक कोई काम नहीं होता जब तक खबर प्रकाशित नहीं होती तब तक अधिकारियों के कानों तक आवाज नहीं पहुंचती आगरा जलेसर रोड की हालत इतनी खराब है कि हर रोज लोगों की जान जा रही है खूनी सड़क हो चुकी है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है सावन के महीने में कांवरिया कावड़ लेकर आते हैं भोलेनाथ पर चलावे से करते हैं लाखों की संख्या में कावड़ निकलते हैं सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं जल भराव होता है बीते दिन भारत TV के द्वारा इस रोड की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी उसके बाद खबर का असर देखने को मिला है मंगलवार को रोड पर बने गड्ढों में लाल गिट्टी डालते हुए जेसीबी देखी गई स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नेता और अधिकारी समय पर इसी तरह काम करते रहे तो किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी किसान नेता बच्चू सिंह चौहान ने भी ऐलान किया था कि अगर सावन महीने से पहले सड़क के गड्ढे नहीं भरे गए तो आंदोलन होगा लेकिन समय रहते सड़क पर बने गड्ढे लाल गिट्टी से भरे गए हैं किसी गिट्टी पर अगर डाबर और डाल दी जाए तो सड़क मजबूत हो जाएगी जगह-जगह बने गड्ढे खत्म हो जाएंगे कांवड़ियों को निकालने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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जलेसर रोड पर गड्ढे ही गड्ढे, क्या गड्ढों से होकर निकलेंगे कांवडिया, कब तक रहेंगे रोड के ऐसे हालात