जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र रूप में संचालित किया जाए

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों की विलय व्यवस्था को दूरगामी और व्यापक दृष्टिकोण की जरूरत बताया है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन विद्यालयों में 50 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र रूप में संचालित किया जाए, जिससे प्रशासनिक सुविधा, जवाबदेही और शैक्षणिक निगरानी और अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके।
मुख्यमंत्री ने छात्रों के अभिभावकों को 1200 रुपये की सहायता शीघ्र खाते में भेजने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए। मुख्यमंत्री ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 से 14 वर्ष की आयु का एक भी बच्चा विद्यालय से वंचित नहीं रहना चाहिए, विद्यालय प्रबन्ध समिति इसे सुनिश्चित कराए।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जरूरत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अ रिक्तियों के सापेक्ष अधियाचन तत्काल भेज नियुक्ति प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों की विलय की प्रणाली छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों तीनों के हित में है। विलय से खाली विद्यालय भवनों को लेकर निर्देश दिया कि वहां बाल वाटिकाएं/प्री-प्राइमरी स्कूल संचालित की जाएं। इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने केजीएमयू परिसर में ₹941 करोड़ से निर्मित सात परियोजनाओं का विधिवत पूजन-अर्चन और मंत्रोच्चार के साथ लोकार्पण-शिलान्यास किया।