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जाटों के इतिहास से छेड़छाड़ की गई तो उसके परिणाम गंभीर होंगे: अखिल भारतीय जाट महासभा

आगरा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में भरतपुर राज्य को मराठा साम्राज्य के अधीन दिखाये पर अखिल भारतीय जाट महासभा ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए गहरा रोष व्यक्त किया है। अखिल भारतीय जाट महासभा के जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर महामंत्री वीरेंद्र सिंह छोंकर ,महानगर अध्यक्ष गजेंद्र सिंह नरवार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयप्रकाश चाहर, उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राणा, चौ नवल सिंह, गुलवीर सिंह, युवा के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश इन्दौलिया, मंत्री देवेंद्र चौधरी महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष श्रीमती निर्मला चाहर आदि ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा है कि सामाजिक विज्ञान की कक्षा 8 की 2025 की पुस्तक में गलत तरीके भरतपुर राज्य के ऐतिहासिक तथ्यों के साथ तोङमरोङ करके भरतपुर राज्य को 1759 में मराठा साम्राज्य के अधीन दिखाया जाना सरासर गलत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के जाट समाज का अपमान है।
जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने बताया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में भरतपुर राज्य समेत समूचे हरियाणा पंजाब जम्मू एवं उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों को मराठा शासन के अधीन दिखाया है जो कि सरासर गलत है।
जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने कहा है कि भरतपुर राज्य अपनी स्थापना से लेकर आजादी के बाद 1948 तक कभी किसी के अधीन नहीं रहा। एनसीईआरटी ने 1759 में भरतपुर राज्य को मराठा साम्राज्य के अधीन दिखाया है जबकि 1760 और 61 की पानीपत की लड़ाई में मराठा सेनापति सदाशिवराव भाऊ ने दिल्ली पर आक्रमण के लिए महाराजा सूरजमल से मदद मांगी थी और महाराजा सूरजमल ने मदद देने का भरोसा दिया।
लेकिन मराठा सेनापति ने उनकी सलाह नही मानी तो महाराजा सूरजमल ने अपने सैनिक युद्ध क्षेत्र से वापस बुला लिए।सलाह न मानने पर 1760 -61 की पानीपत की लड़ाई सदाशिव राव भाऊ ने अहमद शाह अब्दाली से अकेले ही लड़ी और उसमें वह बुरी तरह पराजित हुए मारे भी गए, यहां तक कि उनका भतीजा विश्वास राव भाऊ भी मारा गया ।
‌ सदाशिव राव भाऊ के मारे जाने के बाद मराठा सैनिक और महिलाएं महिलाओं को हरियाणा और भरतपुर में पूरी सहायता दी गई, महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने भूखे घायल लुटे-पिटे मराठाओं और उनकी महिलाओं को भोजन और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई तत्पश्चात ठीक होने पर उन्हें कपड़े और मुद्रा देकर विदा किया, साथ में हिफाजत के लिए अपने सैनिकों को भी भेजे । यह इतिहास में सर्वविदित है। इसलिए हमारी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की केन्द्रीय कमैटी, निदेशक सहित केन्द्रीय शिक्षा मन्त्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान से अपील है कि वह आगे आने वाली पीढ़ी को गलत तथ्यों एवं इतिहास की जानकारी देकर गुमराह ना करें व विद्यार्थियों को सही ऐतिहासिक जानकारी दें । जाट महासभा के नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वह कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक के सिलेबस में तत्काल सुधार कर सही तथ्यों से छात्रों को अवगत करायें।और यदि भरतपुर सहित जाटों के इतिहास से छेड़छाड़ की गई तो उसके परिणाम गंभीर होंगे और अखिल भारतीय जाट महासभा आंदोलन को वाध्य होगी ।

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