आगराजनता की आवाज़शिक्षा

सरकारी मेहमान हैं अपनी मर्जी से आएंगे, शिक्षा विभाग को बदनाम कर रहे या हो रही मनमानी, प्राइमरी स्कूल में केवल एक अध्यापक

भूपेंद्र भारद्वाज मौत

आगरा योगी सरकार शिक्षा विभाग को लेकर लगातार अनेकों प्रयास कर रही है लेकिन शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारी अपनी आंखें बंद कर बैठे हुए हैं कहीं अध्यापक प्रेम कहानी रचने में लगे हुए हैं तो कोई अध्यापक जबरन बच्चन पर दबाव डालते हैं तमाम घटनाएं सामने आ रही हैं लेकिन अध्यापकों पर कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि अधिकारी उनके ऊपर बैठे हैं सब कुछ उन्हीं के संरक्षण में चलता है सरकारी मेहमान हैं उनको शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं महीने पर खाते में रकम आ जाती है पढ़ाई से क्या लेना देना बच्चे आए या नहीं आए स्कूल खुले या ना खुले एसी से निकलकर कोई बाहर नहीं आना चाहता अध्यापक मनमानी करने में लगे हुए हैं स्कूल खोलने का आने का कोई समय नहीं है मनमानी ढंग से आना जाना होता है बच्चों को या चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों या फिर रसोईया को स्कूल की चाबी दे दी जाती है स्कूल खुल जाए अध्यापक हूं या ना हो केवल दिखाने के लिए स्कूल का गेट खुला होना चाहिए जिससे लोग समझ कहां स्कूल खुल चुका है आखिरकार इन अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती सरकारी पैसा लेते हैं बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं स्कूल में 2 घंटे के लिए आते हैं फिर चले जाते हैं अधिकारियों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता यही नजारा ग्राम पंचायत रूपधनू में सोमवार को देखने को मिला 8:40 तक स्कूल में कोई अध्यापक नहीं थे बच्चे मौजूद थे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे लेकिन अध्यापक कहां थे कोई पता नहीं किस समय के स्कूल हैं किसी को कोई पता नहीं जब अध्यापक आ जाए इस समय के स्कूल हैं

जूनियर स्कूल का हाल

8:40 पर कोई अध्यापक मौजूद नहीं था केवल बच्चे मौजूद थे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने स्कूल खोल रखा था झाड़ू लगाई जा रही थी लेकिन अध्यापक नहीं आए थे बच्चों से पूछा गया तो बच्चों ने कहा कि आ जाएंगे देखो कब तक आए यह तो वही बता सकते हैं हमें जानकारी नहीं अध्यापक जानबूझकर नहीं आते या फिर बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते

प्राइमरी स्कूल

इसी पंचायत के प्राइमरी स्कूल में पांच अध्यापक हैं पांच अध्यापक हैं लेकिन स्कूल में केवल एक अध्यापक मौजूद थे अन्य अध्यापक कहां थे कोई पता नहीं केवल एक ही शब्द निकालकर आता है की ट्रेनिंग पर हैं आखिर शिक्षा विभाग के कर्मचारी सभी को एक साथ ट्रेनिंग पर भेज देते हैं

महीने दादी का चल रहा है खेल

सूत्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से अध्यापकों का महीने तारीख का खेल चल रहा है जिस अध्यापक को नहीं आना है अध्यापक अधिकारियों से मिलकर इसी तरह खेल खेलते रहते हैं और अधिकारी कहते हैं कि छुट्टी पर हैं या फिर ट्रेनिंग पर हैं केवल एक ही शब्द कहकर उनका काम खत्म हो जाता है

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