
आज प्रखर राष्ट्रभक्त, विकसित और नए भारत के निर्माण के लिए संकल्पित और समर्पित देश के यशस्वी एवं अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी का जन्मदिन है। आज उन्होंने अपनी जीवन यात्रा के 75 वर्ष पूरे किए। इस शुभ अवसर पर मैं अपनी और सभी देशवासियों की तरफ से मोदी जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ और उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना करता हूँ। हम सभी ईश्वर से इस अवसर पर यह प्रार्थना करते हैं कि मोदी जी लम्बे समय तक इसी जीवटता एवं समर्पण के साथ देश की सेवा करते रहें और भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सफल हों। मोदी जी ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत अपने को देश की आजीवन सेवा के लिए समर्पित करने के संकल्प के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बनकर की और इसके लिए पारिवारिक बन्धनों से अपने को प्रथक कर लिया। संघ के प्रचारक से लेकर संगठन की अनेकों जिम्मेदारियों का निर्वहन पूर्ण कुशलता एवं कड़ी मेहनत के साथ किया। यह वह समय था जब संघ अपनी यात्रा के सबसे कठिन दौर से गुज़र रहा था। संघ के प्रति सरकार से लेकर समाज तक की सोच बहुत संकीर्ण एवं नकारात्मक थी और इसे एक साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी संगठन कहकर इसका विरोध किया जाता था। इन परिस्थितियों में भी मोदी जी ने संगठन के विस्तार एवं प्रचार प्रसार के लिए समर्पित होकर अथक परिश्रम किया। यह एक सुखद संयोग है कि आज से मात्र 15 दिनों के बाद ही उनके मात्र संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी दिवस मनाया जाएगा। यह संघ के संस्कार एवं प्रशिक्षण का ही परिणाम है कि मोदी जी में प्रखर राष्ट्रभक्ति एवं अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए सम्पूर्ण समर्पण एवं सेवाभाव की भावना कूट कूट कर भरी है। विपरीत परिस्थितियों में भी सहज रहते हुए हर चुनौती का सामना करने की दृढ़ इच्छाशक्ति उनके व्यक्तित्व को एक अलग ही ऊंचाई पर ले जाती है। 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के साथ उनके जीवन की राजनैतिक यात्रा की शुरुआत हुई।यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके नेतृत्व में गुजरात ने विकास और सामाजिक सद्भाव कायम रखने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की। गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों के लिए उन्हें कठघरे में खड़ा करने और जिम्मेदार ठहराने के लिए तत्कालीन केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने मोदी जी के विरुद्ध अनेक षड़यंत्र एवं साजिशें की।मोदी जी ने अपने स्वभाव के अनुरूप बिना विचलित हुए सहजता के साथ सभी आरोपों का सामना किया और न्यायालय द्वारा बाइज्जत बरी हुए। मोदी जी के नेतृत्व में गुजरात में बनी भाजपा सरकार ने जनता का जो विश्वास अर्जित किया, उसने गुजरात में भाजपा को अजेय बना दिया। 2014 में देश के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के लिए उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री पद को त्यागना पड़ा परन्तु इस पर भी गुजरात की जनता का भाजपा पर भरोसा आज भी कायम है।ऐसा मोदी जी की गुजरात के विकास के लिए समर्पित नीतियों एवं जनहित में लिए गए निर्णयों के कारण ही सम्भव हुआ। मोदी जी की ईमानदार एवं पारदर्शी छवि और कर्तव्यनिष्ठ प्रशासक के रूप में पहचान ने भी उन्हें गुजरात ही नहीं वरन देश के सबसे सफलतम राजनेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2014 में जब मोदी जी भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाकर देश के प्रधानमंत्री बने तो जनता की उनसे उम्मीदें शिखर पर थीं। 2004 से 2014 तक डा मनमोहन सिंह के नेतृत्व में रही यूपीए सरकार में व्याप्त भीषण भ्रष्टाचार एवं देश की आर्थिक बदहाली और नीतिगत अपंगुता ने भारतीय अर्थव्यवस्था को फ्रेजाइल फाइव की श्रेणी में पहुंचा दिया था जिससे जनता बहुत निराश थी। मोदी जी ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही पूरी पारदर्शिता के साथ जनहित की नीतियों को लागू करने का काम किया और अर्थव्यवस्था को भ्रष्टाचार के जाल से बाहर निकालने के लिए अनेक कदम उठाए। जनधन खाते खोलने की योजना से देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले रिसाव पर रोक लगाई। स्वच्छता अभियान और उज्जवला योजना के द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के जीवन को आसान बनाने का काम किया। यह कार्य देखने में छोटे लग सकते हैं परन्तु इससे सामान्य जनता में यह विश्वास मोदी जी ने जगाने का काम किया कि वे देश में कमजोर और गरीब तबके के लिए कहां तक संवेदनशील हैं। नोटबंदी एवं जीएसटी लागू किए जाने के मोदी जी के कठोर निर्णयों के लिए विपक्ष ने मोदी सरकार की कटु आलोचना करने के साथ साथ दुष्प्रचार की भी सभी सीमाएं तोड़ दीं परन्तु वह मोदी जी के प्रति जनता के विश्वास को तोड़ने में सफल नहीं हो सके। यही जनता का मोदी जी के प्रति अटूट विश्वास उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाता है। जनता को पूरा भरोसा है कि मोदी जी जो भी निर्णय लेंगे, वह देश और देश के नागरिकों के हित में ही होगा। जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, करोना काल में 80 करोड़ जनता को मुफ्त अनाज एवं टीकाकरण, मुद्रा योजना के तहत बिना जमानत ऋण की सुविधा एवं कामगारों, रेहड़ी पटरी वालों के लिए विशेष योजना जैसी अनेकों योजनाओं ने समाज के कमजोर तबके में मोदी जी की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया है। अपने तीसरे कार्यकाल में भी मोदी जी अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने में सफल हैं। पहलगाम हमले के बाद आपरेशन सिंदूर के द्वारा पाकिस्तान एवं उसके द्वारा पोषित एवं संरक्षित आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब देकर मोदी जी ने अभूतपूर्व कार्य किया है। जीएसटी में हाल में ही की गई व्यापक कटौती करके मोदी जी ने लोगों को उम्मीद से अधिक राहत प्रदान कर अपने लाल किले से दिए गए संबोधन में की गई घोषणा को लागू कर जनता के चेहरे पर खुशी लाने का काम किया है। कहने का आशय यह है कि मोदी जी निरन्तर राष्ट्रहित एवं जनहित के कदम उठाकर जनता के दिल में जगह बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।
मोदी जी की ही सोच एवं सफल आर्थिक नीतियों के फलस्वरूप भारत लम्बे समय से विश्व की सबसे तेज गति से प्रगति करती अर्थव्यवस्था बना हुआ है और विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। मेक इन इन्डिया जैसे प्रयासों ने देश की सूरत बदलकर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इसी की बदौलत भारत न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ रहा है वरन रक्षा उत्पादों के निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि लाने में सफल रहा है। मोदी जी की नीतियों के फलस्वरूप देश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर होने के साथ साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी मजबूत छवि बनाने में कामयाब रहा है। आज मोदी जी की ही सफल विदेश नीति एवं कूटनीति के कारण विश्व में भारत का कद इतना बढ़ गया है कि अब कोई भी बड़ा से बड़ा और विकसित देश भी भारत की आवाज़ को नजरंदाज करने की हिम्मत नहीं रखता। मोदी जी की विदेश नीति का एक ही मूलमंत्र है राष्ट्र प्रथम और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग हों या अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप सभी यह जान चुके हैं कि मोदी को दबाव में लेना या राष्ट्रहितों के विरुद्ध उनको झुकाना असम्भव है। चीन एक लम्बे समय से सीमा पर तनाव बढ़ाने एवं भारत पर दबाब बनाने की नीति पर चलने के बाद भारत से माकूल जवाब मिलने के कारण पुनः दोस्ती एवं सीमा पर शांति के लिए वार्ता की राह पर लौट रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जब भारत के रूस से तेल खरीदने के बहाने भारत पर दण्डात्मक 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया तो मोदी जी की ही कूटनीति एवं शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होकर नए भौगोलिक समीकरण बनाने की नीति ने पुनः राष्ट्रपति ट्रंप को मोदी से दोस्ती की दुहाई देकर भारत के साथ शीघ्र ही एक सम्मानजनक व्यापार संधि होने की उम्मीद जताने के लिए मजबूर कर दिया। मोदी जी ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार संधि के लिए देश के किसानों, पशुपालकों, मछुआरों और छोटे कारोबारियों के हितों के साथ कोई भी समझौता नहीं करेगा। मोदी जी ने यह भी बता दिया था कि भारत अमेरिका के दबाव में रूस से तेल खरीदने पर रोक नहीं लगाएगा और अपने हितों को देखते हुए किसी से भी तेल खरीदने के लिए स्वतंत्र है। भारत हमेशा ही विश्व शान्ति का पक्षधर रहा है और मोदी जी ने कई बार पुतिन और जेलेंस्की दोनों को रूस यूक्रेन युद्ध रोककर वार्ता के लिए बैठने की नसीहत दी। राष्ट्रपति ट्रंप की रूस और यूक्रेन के बीच समझौता कराने की कोशिश के बीच भी दोनों राष्ट्र प्रमुख निरन्तर मोदी जी के सम्पर्क में रहे और दोनों का यह विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी ही इस दिशा में पहल करके रूस यूक्रेन युद्ध रुकवाने और दोनों देशों के हितों का ध्यान रखते हुए किसी सम्मानजनक समझौता कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह वैश्विक भौगोलिक मंच पर मोदी एवं भारत के बढ़ते कद और उस पर विश्व के भरोसे का जीता जागता उदाहरण है। संयुक्त राष्ट्र संघ हो या कोई अन्य वैश्विक मंच, मोदी जी के नेतृत्व में भारत की आवाज़ हर मंच पर पूरी संजीदगी से सुनी जाती है। संयुक्त राष्ट्र संघ में अनेक मौकों पर मोदी जी ने उसे प्रभावशाली बनाने के लिए अपनी संरचना एवं कार्यप्रणाली में गहन सुधार करने की ज़रुरत पर बल दिया। करोना काल में सैकड़ों देशों को दवा और वैक्सीन भेजकर मोदी जी ने मानवता की राह पर चलने की मिसाल शेष विश्व के समक्ष प्रस्तुत की। यही सब ऐसे कारण हैं जिनके फलस्वरूप मोदी जी विश्व की ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग में लम्बे समय से 70प्रतिशत के आंकड़ों के साथ नंबर वन पर बने हुए हैं।विश्व के प्रमुख देशों के राष्ट्र प्रमुखों में भी मोदी जी इतनी ही लोकप्रियता के साथ नंबर वन पर हैं। यह परिणाम मार्निंग कंसल्ट नामक एक विदेशी संस्था के वार्षिक सर्वे के द्वारा प्रकाशित किए गए हैं। देश में सी वोटर के द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के हाल के निष्कर्षो में बताया गया है कि देश की लगभग 60प्रतिशत जनसंख्या आज भी मोदी जी के काम को बहुत अच्छा या अच्छा मानती है। शिखर पर पहुंचने से भी अधिक कठिन काम है एक लम्बे समय तक शिखर पर बरकरार रहना और मोदी जी इस कसौटी पर भी खरे उतरते हैं। आज विश्व का हर देश मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए तत्पर दिखता है। कुछ तो ऐसा दम मोदी जी में जरूर है कि एक दूसरे के ध्रुव विरोधी देश भी मोदी जी से मित्रता की दुहाई देते हैं और उन पर भरोसा करते हैं।
मोदी जी जिन सिद्धान्तों एवं मूल्यों के आधार पर राजनीति करते हैं ,वे उनकी नीतियों एवं व्यवहार में परिलक्षित होती हैं। सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास एवं सबका उद्धार उनकी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में परिलक्षित होता है। मोदी जी ने सबका संतुष्टिकरण लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं के रास्ते पर चलकर सभी का भरोसा जीतने में सफलता पाई है। परिवारवादी राजनीति के वे हमेशा विरूद्ध रहे हैं और राजनीति में सुचिता एवं पारदर्शिता को अपने जीवन में उतारकर सभी को इस दिशा में प्रेरित करने का काम किया है। देश के विपक्षी नेताओं के द्वारा जितने अपशब्द एवं गालियां उन्हें दी गई,उसकी दूसरी मिसाल मिलना असम्भव है परन्तु मोदी जी ने अपने कामों से ही उसका जवाब देने का रास्ता चुना। मोदी जी ने देश में राजनीति की धारा को ही बदलने का काम किया और राजनीति को जाति एवं वर्ग के दायरे से निकालकर विकास एवं जन कल्याण के प्रति समर्पित राजनीति की शुरुआत की जिसमें उन्हें काफी सफलता भी मिली। उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्प का ही नतीजा है कि वे उन कार्यों को भी कर सके जिसके विषय में तथाकथित छद्म धर्मनिरपेक्ष दल सोच भी नहीं सकते थे। श्री राम जन्मभूमि मन्दिर का निर्माण, धारा 370 एवं 35ए का समापन, तीन तलाक प्रथा पर कानूनी रोक जैसे अनेक कार्य उनको युगपुरुष की श्रेणी में रखते हैं। लद्दाख एवं पूर्वांचल राज्यों को विकास की मुख्यधारा में लाने की उनकी सोच से आज ये सभी राज्य और क्षेत्र निरन्तर विकास के पथ पर अग्रसर हैं। यह उनके चरित्र की विशेषता है कि वह हिन्दू धर्म के प्रति अपनी आस्था को व्यक्त करने में छद्म धर्मनिरपेक्ष नेताओं की तरह कोई संकोच नहीं करते और अपनी आस्था के केंद्रों के विकास एवं पुनरुद्धार तथा सास्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तैयार रहते हैं। जहाँ देश के विपक्षी दलों के नेता मोदी जी पर सांप्रदायिक एवं नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाते नहीं थकते, वहीं दूसरे देशों द्वारा उन्हें दिए गए सर्वोच्च सम्मान में एक बड़ी संख्या अरब एवं मुस्लिम देशों की है। अब तक मोदी जी के व्यक्तित्व एवं कार्य से प्रभावित होकर 26 देश उन्हें अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से विभूषित कर चुके हैं।
हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि मोदी जी के नेतृत्व में देश निरन्तर प्रगति करते हुए 2047 तक उनके सपनों को साकार करते हुए एक विकसित देश बन सकेगा और विश्व का मार्गदर्शन कर सकेगा। हम पुनः मोदी जी के स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना करते हैं और चाहते हैं कि भविष्य में वे सफलता की नई सीढ़ियों पर आगे बढ़ते हुए देश का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन करते रहें।