
लखनऊ। भारतीय चिंतन व ज्ञान में विश्व कल्याण की कामना समाहित रही है। तलवार के बल पर अपने मत के प्रचार की इसमें कोई अवधारणा ही नहीं है। सबसे प्राचीन सभ्यता में ऐसा एक भी उदाहरण नहीं है। यही वह तत्व थे जिसने भारत को विश्व गुरु पद पर प्रतिष्ठित किया था। सदियों की परतंत्रता में यह गौरव कमजोर हुआ। आज विश्व में कहीं हिंसा हो रही है, कहीं उपभोगवादी संस्कृति ने लोगों के सामने संकट उत्त्पन्न किया है। मानवता के कल्याण हेतु शांति सौहार्द का होना आवश्यक है। यह संस्कार भारत से ही मिल सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएमएस लखनऊ द्वारा आयोजित विश्व के मा. मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन भारतीय संस्कृति के अनुरूप ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के भाव को फिर से पूरी दुनिया में मूर्त रूप से प्रस्तुत करने में सफल होगा।



