उत्तराखंड

गायत्री परिवार प्रमुखद्वय द्वारा पूजित दिव्य कलश शताब्दी नगर में स्थापित

हरिद्वार। शांतिकुंज द्वारा आगामी जनवरी 26 को आयोजित होने वाले जन्मशताब्दी समारोह की तैयारियाँ शताब्दी नगर (बैरागी द्वीप, हरिद्वार) में पूर्ण उत्साह के साथ जारी हैं। इस क्रम में रविवार को अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य दिव्य कलश का पूजन कर उसे शांतिकुंज के महिला मंडल को सौंपा। महिला मंडल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने अपनी टीम के साथ इस कलश को समारोह स्थल शताब्दी नगर (बैरागी द्वीप, हरिद्वार) पर विधिपूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्थापित किया। कलश स्थापना के साथ ही सूर्योदय से सूर्यास्त तक चलने वाला गायत्री महामंत्र का अखण्ड जप प्रारंभ कर दिया गया, जो वसंत पंचमी 2026 तक निरंतर चलेगा। देश-विदेश से आए गायत्री साधकों एवं शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकत्र्ताओं ने इस जप में निरंतर सहभागिता का संकल्प लिया है। इससे पूर्व समारोह स्थल स्थित साधना कक्ष का पूजन भी श्रद्धेया शैलदीदी द्वारा विधि-विधानपूर्वक सम्पन्न किया गया था।
इस अवसर पर प्रमुखद्वय ने कहा कि दिव्य कलश में युगऋषि की तप-साधना का एक पावन अंश प्रतिष्ठित है। यह केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि साधना, सेवा और संस्कार की ऊर्जा का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह मानवता के उत्कर्ष, विचार-क्रांति और विश्वशांति की दिशा में वैश्विक संकल्प का प्रारंभ बने। प्रमुखद्वय ने विश्वास व्यक्त किया कि लगातार होने वाला मंत्र-जप वातावरण में आध्यात्मिक उर्जा का संचार करेगा तथा समाज में सद्भाव, नैतिकता और सकारात्मक परिवर्तन को प्रेरित करेगा। प्रमुखद्वय ने सभी साधकों को आगामी समारोह की तैयारियों में प्रभु श्रीराम की रीछ-वानर सेना की भांति नि:स्वार्थ भाव से श्रम-सेवा करने का संदेश दिया।

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