प्रोफेसर लवकुश मिश्रा को मिला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

आगरा। डॉo भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में पर्यटन के वरिष्ठतम प्रोफेसर प्रोफेसर लवकुश मिश्रा को अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय अकादमी आफ बिजनेस तथा हॉवर्ड विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा व शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2025 के अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मनित गया हैI .प्रोफेसर मिश्रा को यह पुरस्कार हॉवर्ड विश्वविद्यालय तथा इंटरनेशनल एकेडमी आफ बिजनेस द्वारा आयोजित भू राजनीति, यात्रा और आर्थिक विकास विषय पर आयोजित तीन दिवसिय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आखिरी दिन ऑनलाइन प्रदान के किया गया I यह अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय नाइजीरिया के युओ विश्वविद्यालय तथा भारत में डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालय ऑफ हिमाचल प्रदेश एक साथ आयोजित किया गया थाI जिसमें दुनिया के विविध विषयों से अनेक लोगों ने अपने शोध पत्र पढ़े I इस गोष्ठी की खासियत यह रही कि इसमे स्नातक तथा स्नातकोत्तर छत्रों के लिए भी मंच उपलब्ध कराया गयाI पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान सहित काई संस्थान के छात्र को अपने शोध पत्र पढ़ने के लिए अवसर प्रदान किया गया. संगोष्ठी के अंतरराष्ट्रीय निदेशक तथा हावर्ड विश्व विद्यालय में स्कूल ऑफ बिजनेस के सेंटर फॉर ग्लोबल बिजनेस स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र के रुसगी ने बताया की यह संगोष्ठी दुनिया भर के शिक्षाविद्ओं तथा छात्रों को एक मंच पर लाने का कार्य किया I अफ्रीका , यूरोप , अमेरिका तथा एशिया महाद्वीप के लोगों ने संगोष्ठी मैं भाग लेकर वैश्विक स्तर पर विभिन्न विषयों प्रति शोध पत्र पढ़े I इस संगोष्ठी के अंत में दुनिया भर से छह शिक्षाविद् को सम्मानित किया गया है जिनमें डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के प्रोफेसर लवकुश मिश्रा भी शामिल हैंI प्रोफेसर लवकुश मिश्रा को यह पुरस्कार पर्यटन की शिक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया है I इसके पूर्व भी डॉक्टर मिश्रा को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई पुरस्कारों से सम्मनित किया जा चूका हैI प्रोफेसर लवकुश मिश्रा हार्वर्ड विश्व विद्यालय में अकादमी सलाहकार भी हैं तथा दुनिया के अनेक प्रतिष्ठित संगठनों से भी जुड़े हुए हैंI इसके पूर्व पी प्रोफेसर लव कुश मिश्रा संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा आयोजित वैश्य वैश्विक संगोष्ठी में भी भारत का नेतृत्व कर चुके हैं I वह वहां भारत की संस्कृति और उसकी समृद्धि पर अपना व्याख्यान दीया था I प्रोफेसर मिश्रा दुनिया भर के कई वैश्विक संगठनों के सक्रिय सदस्य भी है तथा देश विदेश की कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में अकादमिक रूप से जुड़े हुए हैं I उनकी अब तक 21 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 25 देश में वे अपनी अकादमी दौरा कर चुके हैं I डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय , आगरा के लिए गौरव का विषय है कि उसके किसी प्रोफेसर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है और उनके कार्यों को सराहा जा रहा है I प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने बताया कि अकादमीक दृष्टि से भारत में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी हैI जिसमें वह देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा पुन: स्थापित की जा सके I प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने बताया कि काशी का रत्नेश्वर मंदिर की ऊंचाई और उसका झुका इटली के पीसा के मीनार से ज्यादा है और उसकी स्थापना भूमि भी दलदली है जबकी पीसा की मीनार ठोस जमीन पर है I हम देखते हैं कि भगवान रत्न रत्नेश्वर का मंदिर हर दृष्टि से वास्तु कला के हिसाब से पीसा की मीनार से उत्कृष्ट है परंतु अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर
इसे प्रचारित प्रसारित नहीं किया जा सकता Iये देश का दुर्भाग्य है I आज वक्त आ गया है कि हम पूरी दुनिया को भारत की विशिष्टताओं से अवगत कराएं और भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव का परचम दुनिया में लहराये I मुझे विश्वास है कि इसमे शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है I यह भारत के पुनर जागरण का काल है I हम सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए।



