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1984 में हुए सिख दंगों के दोषी करार दिए गए कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार

दिल्ली में 1984 में सिख दंगों में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार दोषी पाए गए हैं। सज्जन कुमार की सजा पर 18 फरवरी को बहस होगी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में सज्जन कुमार को दोषी पाया। यह मामला 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या से जुड़ा है। सजा पर बहस के लिए मामला 18 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है। इससे पहले 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित हत्या मामले में 7 फरवरी को अपना फैसला स्थगित कर दिया था। वर्तमान में सज्जन कुमार तिहाड़ जेल में बंद हैं। इससे पहले कुमार वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए।
2021 में तय हुए थे आरोप
इस संबंध में शुरू में पंजाबी बाग थाने में मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच का जिम्मा संभाल लिया था। 16 दिसंबर, 2021 को अदालत ने कुमार के विरुद्ध आरोप तय किए। उनके खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घातक हथियार लिए भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्ति को नष्ट किया था।
घर में घुसकर पिता, बेटे की हत्या
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि भीड़ ने घर में घुसकर जसवंत और उनके बेटे की हत्या कर दी और सामान लूटकर उनके घर को आग के हवाले कर दिया। मामले में सुनवाई करने वाली अदालत के अनुसार ‘प्रथम दृष्टया यह तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि कुमार न केवल एक भागीदार थे, बल्कि उन्होंने भीड़ का नेतृत्व भी किया था।’

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